- एक वेबसाइट ने फिर सार्वजनिक किये भारतीयों के मोबाइल नम्बर व ईमेल से जुड़े डेटा
- साइबर सुरक्षा पर छाया गम्भीर खतरा
जौनपुर। भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर चिंता एक बार फिर गहरा गई है। कुछ दिन पहले प्रोक्सी अर्थ नाम की वेबसाइट ने भारतीयों का निजी डाटा सार्वजनिक किया था, जिसके बाद डाटा चोरी का मुद्दा राष्ट्रीय स्तर पर चर्चा में आ गया। सरकार ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस वेबसाइट की एक्सेस रोकने के प्रयास शुरू किए। प्रोक्सी अर्थ ने अपना ऐप भी बनाया, लेकिन अब यह ऐप मोबाइल नंबर से जुड़ी जानकारी देने के बजाय सिर्फ गेम डाउनलोड कराने का काम कर रहा है। इसी बीच लीकडेटा डॉट ओआरजी नाम की नई वेबसाइट ने देश में साइबर सुरक्षा को लेकर फिर से हड़कंप मचा दिया है। यह वेबसाइट ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर दोनों से जुड़ी विस्तृत जानकारी उपलब्ध करा रही है।
इस पर बहुत सारे मोबाइल यूजर और ईमेल उपयोगकर्ताओं का मोबाइल नंबर, वैकल्पिक नंबर, ईमेल आईडी, पता, आधार नंबर जैसा संवेदनशील डेटा आसानी से देखा जा सकता है। खास बात यह है कि यह वेबसाइट दिसंबर माह में ही बनाई गई है, और 8 दिसंबर को ही इसका टेलीग्राम ग्रुप भी बनाया गया है। इतना ही नहीं, लीकडेटा डॉट ओआरजी ने अपना ऐप भी बना रखा है, जिसके माध्यम से भी यह जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। कोई भी व्यक्ति इसकी वेबसाइट के को ओपन करके 12 लोगों के मोबाइल नंबर और ईमेल से जुड़ी जानकारी को आसानी से देख सकता है। बहुत सारे नंबरों की जानकारी इस पर नहीं भी है।
उक्त जानकारी देते हुए वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय के साइबर क्लब के नोडल अधिकारी डॉ. दिग्विजय सिंह राठौर कहा कि कि यदि इसी तरह आम नागरिकों का निजी डेटा सार्वजनिक होता रहा, तो यह साइबर अपराधियों के लिए बड़ा हथियार बन जाएगा। ऐसे अपराधी लोगों की मूल जानकारी का उपयोग कर वित्तीय धोखाधड़ी, फिशिंग और अन्य साइबर हमलों को अंजाम दे सकते हैं।
बीतें दिनों हुई घटनाओं से फिलहाल भारत सरकार की कई एजेंसियां सक्रिय हो चुकी हैं और इस डाटा लीक के स्रोत का पता लगाने तथा ऐसी वेबसाइटों की पहुंच रोकने के लिए प्रयास कर रही हैं। लेकिन एक वेबसाइट बंद होते ही दूसरी वेबसाइट का उभर आना साइबर सुरक्षा एजेंसियों के लिए लगातार बढ़ती चुनौती बन चुका है।स्थिति गंभीर है और आने वाले दिनों में इस डेटा के दुरुपयोग का खतरा और बढ़ सकता है। भारत में साइबर सुरक्षा को लेकर यह घटना फिर से चेतावनी की घंटी साबित हुई है।
उन्होंने बताया कि लीकडेटा डॉट ओआरजी ने एक महत्वपूर्ण फीचर जारी किया है, जिसके जरिए कोई भी व्यक्ति अपनी जानकारी को वेबसाइट से तुरंत छुपा सकता है। लीकडेटा डॉट ओआरजी की ओर से जारी किए गए इस फीचर में कहा गया है कि वे उपयोगकर्ताओं की प्राइवेसी को प्राथमिकता देते हैं। प्लेटफ़ॉर्म पर मौजूद लीक डेटा पूरी तरह सार्वजनिक स्रोतों से लिया जाता है, लेकिन यदि कोई यूज़र नहीं चाहता कि उसका नंबर या ईमेल किसी को भी खोज में दिखाई दे, तो वह इसे तुरंत छुपा सकता है।
जैसे ही कोई व्यक्ति अपना मोबाइल नंबर या ईमेल वेबसाइट के हाईड माय डेटा फॉर्म में दर्ज करता है, उसे तुरंत डू नॉट डिस्प्ले रजिस्ट्री में जोड़ दिया जाता है।वेबसाइट यह दावा करती है कि यूज़र को अपनी पहचान साबित करने की आवश्यकता नहीं है। यदि कोई कहता है कि यह उसका नंबर है और उसे छिपाना है, तो वेबसाइट उसे छिपा देती है। उनका कहना है कि यूज़र की रिक्वेस्ट एन्क्रिप्टेड डेटाबेस में सुरक्षित रखी जाती है। इसके बाद भविष्य में कोई भी व्यक्ति उस नंबर या ईमेल को सर्च करता है तो परिणाम में नो रिजल्ट दिखाई देता है।
