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Jaunpur News: शुभांगिनी को जर्मनी के लिये मिली सरकारी छात्रवृत्ति

Jaunpur News: शुभांगिनी को जर्मनी के लिये मिली सरकारी छात्रवृत्ति
  • आईआईटी रूड़की की छात्रा ने बढ़ाया देश का मान

शाहगंज, जौनपुर। स्थानीय नगर के सेंट थॉमस इंटर कॉलेज से प्रारंभिक शिक्षा प्राप्त कर वर्तमान में आईआईटी रुड़की की छात्रा शुभांगिनी ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। शुभांगिनी का चयन भारत सरकार की प्रतिष्ठित छात्रवृत्ति योजना के तहत जर्मनी में उच्च शिक्षा व अनुसंधान के लिए हुआ है। यह छात्रवृत्ति देश के चुनिंदा प्रतिभाशाली छात्रों को प्रदान की जाती है जो विश्वस्तरीय रिसर्च या उच्च शिक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन करते हैं।

शुभांगिनी ने अपनी कड़ी मेहनत और दृढ़ निश्चय के बल पर यह मुकाम हासिल किया है। उन्होंने अपनी स्कूली पढ़ाई सेंट थॉमस इंटर कॉलेज शाहगंज से पूरी की और फिर आईआईटी रुड़की में दाखिला लेकर टेक्निकल शिक्षा के क्षेत्र में कदम बढ़ाया। अब वे जर्मनी की प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी में रिसर्च और उच्च अध्ययन करेंगी। इस सफलता में शुभांगिनी के परिवार का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। उनके पिता वंश गोपाल यादव और मां विमला यादव ने शिक्षा के प्रति उनका विश्वास हमेशा बनाए रखा। उनके बड़े भाई यादवेंद्र ने हर कदम पर उनका मार्गदर्शन और सहयोग किया।

साथ ही शुभांगिनी को अपने ससुराल पक्ष से भी भरपूर समर्थन मिला। उनके ससुर और जेठ ने न केवल उन्हें उच्च शिक्षा के लिए प्रेरित किया, बल्कि मानसिक और भावनात्मक रूप से भी उन्हें मजबूती प्रदान की। शुभांगिनी के पति भी उनके इस सफर में एक मजबूत स्तंभ बनकर साथ खड़े रहे। उनके पति, जो स्वयं भी एक आईआईटीयन और भारतीय इंजीनियरिंग सेवा (IES) के अधिकारी हैं, ने न केवल उन्हें आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया, बल्कि जर्मनी यात्रा में भी उनका साथ दिया। उनका यह साथ यह दर्शाता है कि जब जीवनसाथी एक-दूसरे के सपनों का सम्मान करें और सहयोग दें तो कोई भी मंज़िल दूर नहीं रहती।

शुभांगिनी ने अपनी इस उपलब्धि पर कहा कि "यह मेरे लिए सिर्फ एक छात्रवृत्ति नहीं, बल्कि एक सपना पूरा होने जैसा है। इस राह में मेरे माता-पिता, भाई, ससुरालजनों और विशेष रूप से मेरे पति का जो सहयोग रहा है, उसके लिए मैं सदैव आभारी रहूंगी। उनका विश्वास ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है। साथ ही मैं अपने तीनों चाचा लोग का धन्यवाद देना चाहूंगी जिन्होंने हमेशा मेरी मदद और मुझे आगे बढ़ने को प्रेरित किया।" संस्थान के शिक्षकों ने शुभांगिनी की इस उपलब्धि पर हर्ष व्यक्त करते हुए कहा कि यह पूरे समाज के लिए प्रेरणा देने वाला क्षण है। शुभांगिनी की यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब परिवार, जीवनसाथी और समाज का साथ मिले तो महिलाएं किसी भी ऊंचाई तक पहुंच सकती हैं और देश का नाम रोशन कर सकती हैं।

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