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बढ़ती गर्मी के प्रकोप से बचाव व सावधानियां


बढ़ती गर्मी के प्रकोप से बचाव व सावधानियां

गर्मी अपने प्रचण्ड रूप में पहुँच चुकी है। 

नौतपा 25 मई से शुरू है। मृगशिरा नक्षत्र भी लग रहा है। गर्मी से बचाव तो ज़रूरी है ही परंतु वैश्विक महामारी कोरोना वाइरस का संक्रमण भी फिर से पहुँच चुका है, इसलिए शासन प्रशासन के बताए आदेश व विशेष सावधानियाँ तो ज़रूर बरती जानी चाहिए। साथ ही निम्न दिनचर्या का पालन भी आवश्यक रूप से करना चाहिए:-

सुबह हमेशा ब्राह्म मुहूर्त में सो कर उठना चाहिए, गर्मियों में 4 से 5 बजे तक व सर्दी में 6 बजे तक अवश्य उठ जाना चाहिए। उठते ही गुनगुना पानी दो से तीन ग्लास अवश्य पीना चाहिए।

सुबह का नाश्ता 8 से 8:30 तक, दोपहर का भोजन 2 बजे के पहले और रात का भोजन 8 बजे तक अवश्य कर लेना चाहिए। ख़ाली पेट चाय कभी न पियें, चाय के साथ बिस्किट्स या और कुछ हल्का लेना चाहिए और चाय भी एक से दो बार से ज़्यादा नहीं पीनी चाहिए, बल्कि गर्मी में 4—5 लीटर पानी दिन भर में अवश्य पियें। चाय पत्ती की जगह हरबल या ग्रीन चाय, गिलोय, तुलसी, सहजन की पत्तियां, अदरक, काली मिर्च, लौंग, मुलेठी व दाल चीनी को खौलाकर जब आधा रह जाय तब हो सके तो थोड़ा सा केसर मिलायें। 

आवश्यकतानुसार गुड़ या खांड़ डाल लें, फिर छानकर ज़रूरत भर का निम्बू मिलाकर एक—एक कप दिन में दो बार अवश्य पियें। इस केसर काढ़ा से आपकी इम्मयूनीटी ठीक रहेगी और किसी भी वाइरस से लड़ने की क्षमता भी दुरुस्त रहेगी।

सोने से पहले प्रतिदिन हल्दी वाला दूध ज़रूर सेवन करें। घर में बना शाकाहारी भोजन, दाल, कढ़ी, सीजन की हरी सब्ज़ी, पनीर, दही, चावल, हरी सलाद (खीरा, ककड़ी, टमाटर, चुकंदर व प्याज़ आदि) ही करें। बाज़ार का बना, भोजन, जंक व पैक्ड चीजें क़तई न खाएँ। पानी भोजन से पहले पियें व खाने से एक घंटे बाद ही पानी पियें। दिन में एक बार मौसम के फल जैसे आम, ख़रबूज़, तरबूज़, पपीता अंगूर व केला इत्यादि भी अवश्य खाने चाहिये।

नास्ता समय से और उचित मात्रा में खाना चाहिए, ताकि रात भर पेट ख़ाली रहने की भरपाई हो सके, दोपहर का भोजन भी ठीक से करें परंतु रात का भोजन बिल्कुल हल्का व सुपाच्य होना चाहिए। दिन में एक दो बार आम का पना या निम्बू व पुदीना की शिकंजी, छाछ/ मट्ठा भी गर्मी से राहत दिलाते हैं। सौंफ, धनिया को मिलाकर हल्का सा भूनकर पाउडर बना ले थोड़ा सा सेंधा नमक भी मिलाकर दिन में एक दो बार पानी के साथ लेने से पाचन तंत्र को भी मदद मिलती है।

प्रात: समय से उठकर आधा पौना घंटे की मॉर्निंग वॉकिंग, जोगिंग, जिम व हल्का व्यायाम के साथ योगासन व प्राणायाम भी अवश्य करें, जिससे दिन भर शरीर में स्फूर्ति बनी रहेगी व हम शारीरिक व मानसिक रूप से भी पूर्ण स्वस्थ रहेंगे। 

इस प्रकार “जान है तो जहान है” के सिद्धांत को याद रखते हुये अपने हृदय व मस्तिष्क को शांत व स्थिर रखकर गर्मी की तीव्रता से खुद को परिवार को व अन्य सभी को बचाना है। स्वस्थ रहिये, दिनचर्या के नियमो का पालन करिए व बीमारियों पर विजय प्राप्त कीजिये।
Writer- डा. कर्नल आदि शंकर मिश्र

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