वाराणसी। चीन में तेजी से फैलने वाले ह्यूमन मेटान्यूमोवायरस HMPV ने अब भारत में भी दस्तक दे दी है। भारत में अब तक 8 मामले सामने आ चुके हैं। यह वायरस बच्चों और बुजुर्गों को ज्यादा प्रभावित करता है।
कंसलटेंट फिजिशियन डा. प्रशान्त कुमार एमडी मेडिसिन एफआईपीसी ने लोगों को जागरूक करते हुए बताया है कि HMPV कोई नया वायरस नहीं है। और बता दें कि यह COVID- 19 जितना घातक भी नहीं है।
खांसने व छींकने से फैलता है HMPV वायरस
डा. प्रशान्त कुमार ने बताया कि HMPV वायरस मुख्य रूप से संक्रमित व्यक्ति के खांसने या छींकने से निकली सांस की बूंदों के जरिए फैलता है। इसके अलावा संक्रमित सतहों को छूने या ऐसे स्थानों पर जाने से भी संक्रमण हो सकता है जहां यह वायरस थोड़े समय के लिए जीवित रहता है।
बच्चों व बुजुर्गों को करता है प्रभावित
डा. प्रशान्त कुमार ने बताया कि यह वायरस सबसे ज्यादा 5 साल से कम उम्र के बच्चों व 65 साल से ऊपर के बुजुर्गों को प्रभावित करता है। सामान्य परिस्थितियों में यह वायरस गंभीर नहीं माना जाता लेकिन कमजोर प्रतिरक्षा वाले लोगों या अन्य बीमारियों से ग्रस्त व्यक्तियों में यह अधिक जटिलताएं पैदा कर सकता है।
HMPV संक्रमण के यह हैं लक्षण
संक्रमण के लक्षण सामान्य सर्दी या फ्लू जैसे होते हैं। हल्के लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश और नाक बहना शामिल है। हालांकि, छोटे बच्चों और बुजुर्गों में यह ब्रोंकियोलाइटिस फेफड़ों के छोटे वायुमार्ग की सूजन, निमोनिया और सांस लेने में तकलीफ जैसी गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है।
HMPV घातक वायरस नहीं
वैज्ञानिकों का मानना है कि HMPV घातक वायरस नहीं है। भारत में इसका प्रभाव सीमित रहेगा। फिर भी, सतर्कता और स्वच्छता का पालन करना संक्रमण से बचाव का सबसे प्रभावी तरीका है। डा. प्रशान्त ने कहा कि यह वायरस लम्बे समय से मनुष्यों के साथ मौजूद है इसलिए इससे कोविड-19 जैसी गंभीर समस्या नहीं होगी।
वायरस से बचाव
HMPV वायरस से बचाव के लिए साफ-सफाई का विशेष ध्यान रखना चाहिए। संक्रमित व्यक्ति से दूरी बनाए रखना चाहिए। बार-बार हाथ धोना और भीड़भाड़ वाले इलाकों में जाने से बचना जरूरी है।